चिड़िया सी ही होती हैं लड़कियां,
तभी तो चहकती हैं I
उसी मीठी चहक से तो मायके की,
सब वीथीयां महकती हैं II
दे देती हैं अपने पर,
मायके की कल्पनाओं को I
और कर देती हैं शेष समर्पित,
ससुराल की संभावनाओं को II
दारुण हृदय से मायका निभाता,
परिपाटी कन्यादान की I
ससुराल भी फिर सौंप देता है उसे,
धरोहर कुल के सम्मान की II
सृष्टि में ये दायित्व दो ही हैं सम्हालते,
या तुम लड़कियां या यह वसुंधरा I
जोड़ने, सहेजने, संवर्धन को ही तो,
ईश्वर ने तुम सी शक्ति का सृजन करा II
बेहतरीन अहसास व् बेहतरीन भाव युक्त रचना.
आपका धन्यवाद श्रीमन्
गुस्ताखी माफ़ सर….. वीथीयां का अर्थ बता दे……….मुझे मालूम नहीं है गूगल पर भी नहीं मिला……………
गली, गलियारे, मार्ग।
आपने आम सी लड़की की ख़ास सी विशेस्ताओं का चित्रण बहुत अछे ढंग से किया है ……
धन्यवाद आपका। शक्ति तो सम्माननीय है हमारी मूल परम्परा में।
अत्यन्त सुन्दर……….,
आपका अतिव धन्यवाद।
अति सुंदर………………………….
आपका अतिव धन्यवाद।
बेहद खूबसूरत……….
सराहना के लिये धन्यवाद श्रीमन्।
bahut hi umda sir
सराहना के लिये धन्यवाद श्रीमन्।
बेटी पर खूबसूरत शब्दो में भावपूर्ण अभिव्यक्ति !!
बहुत अच्छी बात लिखी आपने…………
बहुत खूब……………………………….. ।