बेचैन करता रहा हर पल ,
दिल मुझे ,
तेरी एक मुलाकात के लिए ।
कशमोकश मे थी ,
शायद उस पल ,
जो समझ न सकी ,
ये जिंदगी दे जाती है बड़े गम ,
छोटी सी एक बात के लिए ।
उस वक्त इम्तिहानो मे ,
जीत जाती शायद ,
पीछे रह गयी ,
तो बस एक अल्फाज के लिए ।
तकदीर मे खुशिया लिखी थी मेरे ,
मै खुद ही मिटा बैठी ,
उनको ,
अपने ही जसबात के लिए ।
ख्वाबो मे तकदीर ,
बनाते बनाते ,
इस कदर चलती रही ,
अपने उलझे हुए उन ,
हालात के लिए ।
यु बिछड़ बिछड़ कर भी,
न मिल सकी उनसे ,
वो हमे अपनाते जरुर ,
पर अपना न सके ,
तो बस हमारे औकात के लिए ।।
“काजल सोनी “
बहुत खूबसूरत जज्बात काजल …… आपके भावो के अनुरूप रचना सुधार मांगती है !!
काजल जी बेहद दर्द भरी रचना. आप इसी विषय पर पूर्व में मेरे द्वारा प्रकाशित रचना “प्यार अँधा या धंधा” भी अवश्य पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेंजे .
मधुकर जी बहुत बहुत आभार आपका ।
मै मोबाइल से साइट निकालती हु ।मुझे वो रचना मिल ही नही पाती जो आप कहते है ।क्या कारण है इसका । क्या टाइप करु आपकी इस रचना को पढ़ने के लिए ।
मधुकर जी आपका तहे दिल से शुक्रिया ।
मै मोबाइल से साइट निकालती हु ।
मुझे वो रचना मिल ही नही पाती जो आप कहते है ।
क्या कारण है इसका ।
क्या टाइप करु आपकी इस रचना को पढ़ने के लिए ।
काजल जी मैं आपके लिए रचना नीचे लिख रहा हूँ
सुनते थे की प्यार होता है अँधा
मगर मुझको तो ये भी लगता है धंधा
यहाँ भी रोज़ बदलती हैं पूजा
है आज कोई तो कल कोई दूजा
सभी अपना ऐशो आराम खोजते है
है दौलत कितनी ये सोचते है
स्तर के भी हैं बहुत मानें
ये वो सच है जो हर प्रेमी जाने
यदि नहीं है सामान स्तर
तो वफ़ा की आशा भी ए दिल तू ना कर
गर होगी ना आशा ना होगी निराशा
ना रोएगा तू भी बन के तमाशा.
शिशिर “मधुकर”
बहुत बहुत ही खूबसूरत रचना मधुकर जी ।
आजकल ऐसा ही चल रहा है जमाने मे ।
जो आपने लिखा है सच्चाई बया करती है ।
निवातिया जी कृपया आप अपनी तरफ से बताये ।
सुधार कहा होना चाहिए था ।
काजल मुझे अंत में कुछ अधुरा पन सा प्रतीत होता है …..।।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका निवातिया जी ।
मार्मिक भाव…….
आनंद जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
इतना सुन्दर लिखती आप ….टाइपिंग की गलतियों से सब कमज़ोर हो जाता….आज कुछ अपनी रचना की तरह उलझी सी लगी……खूबसूरत…….
सर्मा जी मोबाइल से टाइप करने की वजह से शायद
गलती हो जा रही है ।
मेरी कोशिश रहेगी कि थोड़ा और अच्छा लिख सकु ।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
रचना भी सुधारने की कोशिश रहेगी मेरी ।
badiya kajal ji………………………
मनी जी बहुत बहुत आभार आपका ।
पीछे रह गयी ,
तो बस एक अल्फाज के लिए ।
वाह
उम्दा सृजन
अरुण जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका रचना पसंद करने तथा प्रतिक्रिया देने के लिए ।
Nice…………….,
बहुत बहुत धन्यवाद आपका मीना जी ।
अतीव सुंदर …………………………..
आपका बहुत बहुत धन्यवाद अभिषेक जी ।
Achhi kosis, badiya bhaw
सविता जी प्रतिक्रिया देने के लिए कोटी कोटी
धन्यवाद आपका ।
कभी कभी इंसान कशमकश में गलत फैसले कर लेता है और पछताता है उसका दर्द बहुत गहरा होता है …………………………….. बहुत बढ़िया काजल जी !!
आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए कोटी कोटी धन्यवाद आपका सर्वजीत जी ।
संवेदनाशील सुन्दर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद आपका मनोज कुमार जी ।
Kajalsoni jee- aapki ras bhari rachna wakai me khubsurat hai -main kahana chahunga ki aap matra aur sabd bhed par dhyan den- जसबात ko sahi kar le.
मेरी कोशिश हमेशा रहेगी अपनी गलतीयो को सुधारने की
सुंदर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका सर्मा जी ।