Through this poem, I pray to God to come on the earth and remove the evils..
“भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।
अपमानित होती है स्त्रियां आज भी भरे बाज़ार में,
लुटती है लाज उनकी इन कौरवों के राज में,
कृष्ण रूप में आकर फिर से उनकी लाज बचाना होगा।
भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।
चोरी डकैती और लूटमार से त्रस्त हुआ संसार है,
हत्याकांड, नफरत और आतंक का रावणराज है,
रामरूप में आकर फिर से इस संसार को मुक्त कराना होगा।
भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।
इंसान के खून से होली ख़ेल रहा हैवांन है,
इंसानी रूप में राक्षसों से भरा हुआ संसार है,
दुर्गा रूप में आकर फिर से इन राक्षसों को मार भगाना होगा।
भगवान को अब फिर से इस धरती पर आना होगा,
इंसान भेष में छिपे भेड़ियों को मार भगाना होगा।”
By:Dr Swati Gupta
बहुत सुन्दर भाव ……………….
Thanks a lot…Shishir ji
bahut sunder rachna……………….
Thanks in tons…mani
अगर ऐसा हो जाये तो इस संसार का कल्याण हो जाये ……………………………… ज़बरदस्त स्वाति जी !!
Sahi kaha apne sir….apka bahut abhar
बहुत खूबसुरत भाव स्वाति ………युगान्त तक आपकी कामना अवश्य पूर्ण होगी …..तथास्तु ।।
Dhanywad sir…apka aashirwad hume hamesha prapt hota rahe…
बहुत ही सुंदर…….बढ़तेहुए अत्याचार को रोकना अब तो उन्हीं के बस की बात है……………..
Sahi baat hai..sir…ab bhagwan hi kuch kar sakte hai…tabhi iss sansar ka uddhar hoga… dhanywad sir
स्वाति जी, बहुत बढ़िया प्रार्थना
वाकई में अत्याचार,व्यभिचार देखकर यही लगता है किआब इश्वर ही सहारा है!
Apka koti koti abhar sir..
बहुत ही सुन्दर
Thanks a lot.. abhishek ji
बहुत खूबसूरत भाव……..