खुदा परस्त दुनिया में खुदा बहुत हैं खुदाई नहीं मिलती….
सच बोलने की दुहाई सब और है पर सच्चाई नहीं मिलती….
मिठाई सजी है दूकान में बहुत पर मिठास ही नहीं मिलती….
हाथों पे रंग बहुत गहरा है पर हिना की रंगाई नहीं मिलती….
माना दिल पे पहरे बहुत हैं व्यवसायी से लठदारों के..पर….
मोहब्बत के जज़्बात में वो प्यार की रोशनाई नहीं मिलती….
“बब्बू” अपना कटा दिल हाथ में लिए फिरता है..आखिर…
करे क्या गर दर्द-ऐ-दिल में पहले सी रानाई नहीं मिलती….
जब खुद ही चाहते थे बदलना तो ढोंग क्यूँ किया इतना…
“चन्दर” ग़ज़ल तेरी में अब तेरी ही परछायीं नहीं मिलती….
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/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)
रानाई – grace
बहुत ही सुंदर…………………..
“चन्दर” ग़ज़ल तेरी में अब तेरी ही परछायीं नहीं मिलती….
बहुत बहुत आभार आपका….
Beautiful Gazal babbu ji
बहुत बहुत आभार आपका….
अति उत्तम बब्बू जी नमन
तहदिल आभार आपका अभिषेकजी…..
अप्रितम बब्बू जी ………..सब कुछ मिलता है ,,,,,,,,,,,पर उसमे यथार्थ नही मिलता !!
आपके स्नेह भरे वचनों का दिल से बहुत बहुत आभार…….
सर्मा जी बहुत सुन्दर भावो से युक्त गजल।
पर 4 पंक्ति मे आपने ‘अपना कटा दिल ‘ लिखा है ।शायद टुटा दिल होना चाहिए था क्या ?
आप नज़रों को तलवार बनाएं…फिर देखें…हा हा हा…..आपकी प्रतिकिर्या का बहुत बहुत आभार…..दिल से…..
बहुत खूबसूरत गज़ल शर्मा जी !!
तहदिल आभार आपका………
inhi lafzo ke ghayal kiye hai hum……………bahut badiya sir…….
हा हा हा….मनीजी…आप मुझे मरवा दोगे….बहुत बहुत आभार…..
Nice write Babbu ji
बहुत बहुत आभार मधुकरजी……
बहुत ही बेहतरीन रचना काबिले तरीफ
तहदिल आभार आपका……
बहुत ही बेहतरीन रचना काबिले तरीफ ……
पुनः धन्यवाद……..
Very nice gazal Babbu ji. Aapki is gajal mein mujhey fir se ek gazal likhne ko pretty kia hai. Drkhiye ek do dino mein likh pai to publish karoongi.
मंजूषाजी….आपको पसंद आयी…मेरा लिखना सफल हुआ….ज़रूर हम इंतज़ार करेंगे…आपकी एक और लेखनी का…..
बहुत सुन्दर बब्बू जी…
सोनीतजी….बहुत बहुत आभार……..
वाह क्या बात है ………………. ज़बरदस्त ……………… शर्मा जी उस कातिल का नाम तो बता दो जिसने दिल काट के रख दिया …………………… बहुत ही बढ़िया !!
सर नाम कातिल खुद आपको आके बताके जाएगा…. हाहाहा…..तहदिल आभार आपका…..
“बब्बू” अपना कटा दिल हाथ में लिए फिरता है..आखिर…
करे क्या गर दर्द-ऐ-दिल में पहले सी रानाई नहीं मिलती…
बब्बू जी इन पन्क्तियो ने क्या समां बाधा है।
बहुत दिल से लिखा है आपने इसे, बहुत ही लाजबाब!
आपको पसंद आयी….आप का दिल से आभार….बस आप यूं ही नज़र करते रहे…..