Homeसर्वजीत सिंहदो कदम – मेरी शायरी……. बस तेरे लिए दो कदम – मेरी शायरी……. बस तेरे लिए sarvajit singh सर्वजीत सिंह 09/07/2016 12 Comments दो कदम तूफ़ान से टकराने की हिम्मत ………………………….. कभी रखते थे हम उनकी मोहब्बत में दो कदम अब चल नहीं सकते ……………………….. दिल के टूट जाने के बाद शायर : सर्वजीत सिंह sarvajitg@gmail.com Tweet Pin It Related Posts मस्ती – मेरी शायरी……. बस तेरे लिए ऐतबार – मेरी शायरी……. बस तेरे लिए दौलत – मेरी शायरी……. बस तेरे लिए About The Author sarvajitg I am Producer, Director & lyrics writer. I have produce & direct many serials and written lyrics for many serials and a upcoming film. 12 Comments Shishir "Madhukar" 09/07/2016 वाह क्या बात हैं Reply sarvajit singh 09/07/2016 आपका बहुत बहुत आभार …………………………………………………… मधुकर जी !! Reply विजय कुमार सिंह 09/07/2016 बहुत खूबसूरत रचना. बहुत खूब……………… Reply sarvajit singh 09/07/2016 बहुत बहुत शुक्रिया ……………………………….विजय जी !! Reply mani 09/07/2016 बहुत सूंदर…..सर्वजीत जी……. Reply sarvajit singh 09/07/2016 बहुत बहुत धन्यवाद …………………………………… मनी !! Reply अभिषेक शर्मा 09/07/2016 वाह वाह बहुत खुब सर्वजीत जी……. Reply sarvajit singh 09/07/2016 बहुत बहुत धन्यवाद …………………………………… अभिषेक !! Reply C.m.sharma(babbu) 09/07/2016 Kamaal ek or……..mohabbat ka asar hi aisa hai……..laajwaab…… Reply sarvajit singh 10/07/2016 तहे दिल से शुक्रिया …………………………. शर्मा जी !! Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 09/07/2016 वाह,क्या बात है, टूटे दिल का बुरा हाल है। गुरुर उसको किस बात का था हमसफ़र तो सर्वजीत कमाल का था!!!!! Reply sarvajit singh 10/07/2016 कमाल की पंक्तियाँ हैं आपकी, तहे दिल से शुक्रिया …………………………. सुरेन्द्र जी !! Reply Leave a Reply to sarvajit singh Cancel reply
वाह क्या बात हैं
आपका बहुत बहुत आभार …………………………………………………… मधुकर जी !!
बहुत खूबसूरत रचना. बहुत खूब………………
बहुत बहुत शुक्रिया ……………………………….विजय जी !!
बहुत सूंदर…..सर्वजीत जी…….
बहुत बहुत धन्यवाद …………………………………… मनी !!
वाह वाह बहुत खुब सर्वजीत जी…….
बहुत बहुत धन्यवाद …………………………………… अभिषेक !!
Kamaal ek or……..mohabbat ka asar hi aisa hai……..laajwaab……
तहे दिल से शुक्रिया …………………………. शर्मा जी !!
वाह,क्या बात है, टूटे दिल का बुरा हाल है।
गुरुर उसको किस बात का था
हमसफ़र तो सर्वजीत कमाल का था!!!!!
कमाल की पंक्तियाँ हैं आपकी, तहे दिल से शुक्रिया …………………………. सुरेन्द्र जी !!