खामोश है ज़िंदगी ग़म का तूफ़ान है |
यादों से हलचल मन का आसमान है |
चाहत की निशाँ मिटायी नहीं है मैंने |
तेरे जाने से फ़िर भी ज़िंदगी विरान है |
तन्हाई ही तन्हाई लबों पे तेरा नाम ,
दिल को तेरी चाहत का अरमान है |
दर्दे ग़म छूपा के जी रहे है आजकल |
खामोश चेहरा में झूठी मुस्कान है |
कहते थे तेरा नाम भूला देंगे सनम |
ना भूला सके,तुमबिन परेशान है |
bahut khub sir…………………………….
Nice write……………………………………..
अति सुन्दर दुष्यंत ………………!!
Bahut hi sundra rachna Sir
आप सभी का दिल से आभार
बहुत खूबसूरत……
आप का आभार
धन्यवाद