वक़्त ।
कोसता रहा वक़्त को, सवाल कई दाग़ कर,
पता चला, वक़्त से बड़ा कोई जवाब नहीं…!
कोसना = शाप के रूप में गालियाँ देना; दाग़ना = सख़्ती से पूछना;
मार्कण्ड दवे । दिनांकः १२ जून २०१६.
http://mktvfilms.blogspot.com/2016/06/blog-post_14.html
वक़्त ।
कोसता रहा वक़्त को, सवाल कई दाग़ कर,
पता चला, वक़्त से बड़ा कोई जवाब नहीं…!
कोसना = शाप के रूप में गालियाँ देना; दाग़ना = सख़्ती से पूछना;
मार्कण्ड दवे । दिनांकः १२ जून २०१६.
http://mktvfilms.blogspot.com/2016/06/blog-post_14.html
बेहतरीन…………………….
धन्यवाद…आदरणीय सर जी।
वआह……अंतिम सत्य ……क्या बात है…..अप्रतिम…..
बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय सर जी…
कटु सत्य …………उम्दा !!
बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय सर जी…