आज दिल ने फिर उसे क्यों याद किया
पागल दिल को, फिर उसने हैरान किया।
मोहब्बत करके इसे कुछ नही मिला
फिर भी इस ने तुझे ही चुना।
गम हैं तो कुछ ,और दे दे इसको
दर्द में भी इसने, तेरा नाम लिया।
हाल-ए-दिल तुम ने ना जाना
था तुम्हारा ,फिर क्यो इसे तोड डाला
फिर ना करना मोहब्बत ऐ दिल
अब तो खुदा ने भी पुछा, ऐ अभि मुझ से मिल।
-अभि शर्मा
Bahut badhiya…..
धन्यवाद शर्मा जी
very nice……………………
धन्यवाद योगेश जी
Beautiful expression
Thank a lot sir
अभिषेक जी आपने लिखा तो बहुत खुबसूरत है पर इसे आप कुछ और सजा सकते है। जो आपके भाव है वह पूर्ण रूप से उभर गए है पर गुस्ताखी माफ़ काव्यात्मक रूप थोडा कमजोर दिख रहा है। शब्दों के जाल को सटीक कर आप अपनी सृजनशीलता को और गहरा कर सकते है।