Homeसुशील मिश्र 'सुशील'मुक्तक मुक्तक sushil सुशील मिश्र 'सुशील' 07/06/2016 2 Comments हल्की हवाएँ तूफ़ान हो गए, शबनम बदलकर बरसात हो गए, कभी लगते थे खुशगवार दिल को- अब वो और वो पल दोनों ही नागवार हो गए… Tweet Pin It Related Posts प्रतिबिम्ब विदा रात About The Author sushil लेखन सदैव अंतर्मन का प्रस्तुतीकरण है | 2 Comments babucm 08/06/2016 बहुत खूब भाई…. Reply sushil 10/09/2016 आभार ………… Reply Leave a Reply Cancel reply
बहुत खूब भाई….
आभार …………