किस्मत कि रेखाएँ को बदलने कि जिद रही है ,
पुराने उसूलों को तोड़ने की जिद रही है।
डूबती नैया को पार करने की जिद रही है ,
बादलों की उफनती लहरों को मोड़ने की जिद रही है ।
पर्वतों की ऊचीं चोटियों को छूने की जिद रही है,
रेत में पानी की सरोवर को ढूढ़ने की जिद रही है ।
अनंत नभ में जाने की जिद रही है ,
हवाओं के ऊपर दौड़ने की जिद रही है ।
चट्टानों की बुनियाद हिलाने की जिद रही है ,
अँधेरी गुफाओं में दिया जलाने की जिद रही है ।
दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने की जिद रही है ,
अपनी टूट चुकी आशाओं को भी हक़ीक़त में बदलने की जिद रही है ।
क्या करूँ क्योंकि मुझे हमेशा से ही आगे जाने की जिद रही है ।।
प्रेरणाप्रद रचना……………
dhanaywaad
सकारात्मक भाव लिए प्रेरणा दायक रचना !!