Homeकविता गौड़सोच सोच शुभाष कविता गौड़ 24/02/2012 No Comments सोच टूटे दरख़्त टूटे घर टूटे रिश्ते बड़े होटल बड़े काम्पलेकस बड़े देश बड़ी लालसा बड़ी रिश्वत बड़ी शत्रुता बड़ा काण्ड बडा स्वार्थ बड़ा आतंकवाद छोटी सोच छोटा दाम छोटे विचार फिर भी आज का आदमी महान Tweet Pin It Related Posts माँ वृक्ष और मनुष्य सच About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply