Homeअज्ञात कविअपना सहारा अपना सहारा kashmir Singh अज्ञात कवि 07/08/2014 No Comments यहीं कहीं है कोई ऐसा लगता है वही अपना है वही सबसे अच्छा है यहीं कहीं है कोई सबसे प्यारा साथी सबसे न्यारा सहारा उसे खोजने उसे पाने उसे सुनने को मन करता है यहीं कहीं है कोई खुले आसमान में गेाल धरती में है अपना कोई Tweet Pin It Related Posts “Nishumi”… द पासवर्ड खूबसूरत हो तुम लोभा गइनी हम – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा बिन्दु About The Author kashmir Singh Leave a Reply Cancel reply