अश्क
किसी हमराह से जाकर हमारी अनकही पूछो ,,
उसके अश्क कह देगें सारी दास्तां दिल की ।। 1।।
चले थे हम भी इक काफिले के साथ दोस्तों,,
सिर्फ अश्क ही बचे सबके लौट कर लाने के लिये ।। 2।।
इन बुझदिलो की भीड़ में वफ़ा की उम्मीद न कर ,,
ये सब तो बेवफाई के अश्क से पलते है ।।3 ।।
प्यार में अश्कों की कोई कीमत नही होती यहाँ ,,
बेवजह इन आँसुओं को बर्बाद न कर हमवफा ।।4।
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