पहला सुख निरोगी काया – हिंदी कविता

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Pehla sukh Nirogi Kaya – Hindi Poetry

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पहला सुख निरोगी काया,
दूजा सुख घर में हो माया।

तीजा सुख कुलवंती नारी,
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।

पंचम सुख स्वदेश में वासा,
छठवा सुख राज हो पासा।

सातवा सुख संतोषी जीवन ,
ऐसा हो तो धन्य हो जीवन।

Pratibha Tewari/Chetan Pandey F.B.
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
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