Homeअशोक बाबू माहौरबाज के चंगुल में बाज के चंगुल में ASHOK BABU MAHOUR अशोक बाबू माहौर 19/05/2012 No Comments बाज के चंगुल में फंसे चूहे को एक उपाय सूझा कसकर दंत जमाया उड्ते बाज को हर पल खतरा याद आया कई दिन हवा में उडता रहा गुमराह बनकर फिर दूसरा शिकार बनाया! [ कविः-अशोक बाबू माहोर] Tweet Pin It Related Posts चरित्रहीन पत्नी (कहानी ) ये हवा गधों के मौहल्ले में About The Author ashok Leave a Reply Cancel reply