Homeरफीक रीवानीसंगमर-मर की ना तरीफ किया कर मुझसे | [क़ता] संगमर-मर की ना तरीफ किया कर मुझसे | [क़ता] मोहम्मद असलम रजा रफीक रीवानी 19/04/2012 No Comments संगमर-मर की न तरीफ किया कर मुझसे । आंसुओ से जो मै अह्कामे मुहम्मद लिख दूं । चूमने के लिये झुक जायेगा ये ताज-महल । टूते पत्थर पे अगर नामे मुहम्मद लिख दूं । Tweet Pin It Related Posts यही आजकल मेहरबां देखते हैं, [गज़ल] About The Author मोहम्मद असलम रजा Leave a Reply Cancel reply