तुम मेरे दिल में बसते हो मुझको भी ये एहसास हुआ
दूजा देखा नज़दीक तेरे मुझे दर्द बहुत ही खास हुआ
कुछ दूर हुए थे हम दोनों मौसम नें जो करवट बदली
लो फिर बहती है ठंडी हवा और तू भी मेरे पास हुआ
जब जब मैंने दिल की बातें तुम से सारी खुलकर कीं
चाहे कोई भी वक्त था लेकिन मेरे लिए मधुमास हुआ
तूने प्यार करा मुझसे तो एक रानी के जैसा मान दिया
मेरे अपनों के आँगन में पर अक्सर मेरा उपहास हुआ
जाने कैसी नज़र गड़ी थी मधुकर अपनी खुशियों पर
जीवन कीं स्वर्णिम बेला में हमको जो वनवास हुआ
शिशिर मधुकर
bahut khoobsoorat……..
Tahe dil se shkriya Babbu ji ……………………
बहुत बढ़िया….👌👌👌
Aabhaar ………..