कभी रूठी,तो कभी उलझी है,
कभी उम्मीद तो कभी सुलझी है।
कभी साथ तो कभी अकेली है,
बस जिंदगी एक पहेली है।।
कभी संवरते वक़्त के साथ रूठी है,
तो कभी रूठे वक़्त के साथ संवरी है।
कभी लगती अपनी सहेली है,
बस जिंदगी एक पहेली है।।
कभी झरने की तरह बहती है,
तो कभी सूखा तालाब बन जाती है।
कभी उम्मीदों के संग खेली है,
बस जिंदगी एक पहेली है।।
कभी फूलों की तरह मुस्कुराती है,
तो कभी पतझड़ ही बन जाती हैं।
कभी हरियाली के रूप मे फैली है,
बस जिंदगी एक पहेली है।।
बस जिंदगी एक पहेली है।।।
अजंली
WAH KHUBSURAT RANG BHARI PAHELI…….
Thanku sir apka
सत्य वचन ………..अति सुंदर
Dhanywad sir
Behad sundar Anjali…….
Apki andaj se sir, tahe dil se Sukriya.hahaha
zindagi ka falsafa hi yahi hai……behad khoobsoorat………..
Buhut buhut dhaknywad sir