दीवारें खिल उठती जब तू मुस्कुराती है,
जीने की फिर से एक उम्मीद जगाती है।
उताड़ चढ़ाव भरे जीवन के हर मोड़ पे,
तेरे हँसने से मेरी ज़िन्दगी भी हर्षाती है।
परेशान लम्हों में तेरा साथ जब मिलता,
आभा तेरे चेहरे की फिर खुशियाँ लाती है।
संघर्ष करने की तेरी ये इच्छाशक्ति देख,
जीवन में हमारे भी आस जग जाती है।
हरपल गूँजती तेरी मुस्कुराती आवाज़ से,
लगता है जैसे फिज़ा भी यहाँ गीत गाती है।
अनु महेश्वरी
Nor ke sthaan par kaanti yaa chamak yaa koi strilingi shabd use karo Anu. Otherwise beautiful work.
Thank you, Shishir ji…
Maine nur ki jagah aabha word use kiya hai, aap dekhe aur bataye, ab thik hai..
Ab bhadiya hai .
Thank you, Shishir ji…
बिटिया के प्रति माँ के प्यार,ममता,वात्सल्य रस से लबालब भरी रचना
Thank you, Mukta ji…
अनुजी….मुझे नहीं पता यह बह्र पर लिखी ग़ज़ल है या नहीं…..भाव बहुत ही बढ़िया हैं… अगर बह्र पर नहीं है तो और वैसे भी मैं जो मुझे लगा वो सुझाव दे रहा हूँ….मुस्काती की जगह मुस्कुराती लफ्ज़ प्रयोग करिये….
उताड़ चढ़ाव भरे जीवन के हर मोड़ पे,
तेरे हँसने से मेरी ज़िन्दगी भी हर्षाती है।
(इसमें भाव समझ आ रहे पर मिसरों में तालमेल नहीं है…’तेरे हंसने’ का मतलब अलग निकल रहा है… यहां ऐसे होना चाहिये तुम्हें खुश देख कर मेरी ज़िन्दगी भी हर्षाति है जैसे भाव…या तुम खुश रहते हो…इत्यादि….)
परेशान लम्हों में तेरा साथ जब मिलता,
आभा तेरे चेहरे की फिर खुशियाँ लाती है।
(आप परेशान है और साथी का साथ मिला है पहली पंक्ति में….पर दूसरी पूरक नहीं है…वो ऐसे कुछ होनी चाहिये…
परेशान लम्हों में तेरा जब साथ मिलता है…
पथरीली राह भी मुझे आसाँ नज़र आती है….
घने बादलों में जैसे बिजली सी चमक जाती है…
डूबते दिल को साहिल की खबर मिल जाती है…
हरपल गूँजती तेरी मुस्कुराती आवाज़ से,
लगता है जैसे फिज़ा भी यहाँ गीत गाती है।
(लगता है जैसे फ़िज़ां हर पल गुनगुनाती है )
Thank you, Sharma ji.. aapke sujhav bade acche hai, waise ye poem apni daughter ke liye likhi hai, koi bhi pareshani mujhe agar hoti hai, tab vah, calm mumma, cool munna kahke and bas pal me mujhe hansa deti hai, isiliye man me jo bhav aaye mai likhti gayi. Mai ekbar fir dekhti hun.
aapke kahane ke bhav bahut achhey hai babbu jee ke baat par gaur karen aapki gazel mein nikhar aayegi…….bahut sunder.
Thank you, Bindeshwar ji…
बहुत ही सुन्दर अनुजी
Thank you, Bhawana ji…
It’s really a beautiful poetry of love and life.. Great Anu Ji
Thank you, Rinki…
Prerna jagati Bahut sundar rachna Anu JI
Thank you, Kiran ji…