बहना -ओ – बहना
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बहना -ओ – बहना, तेरे भाई का है कहना !
गुस्सा हमसे होना नहीं, खुश सदा ही रहना !!
तेरे इस प्रेम के धागे से
मुझे ताकत मिलती है
देख के तेरी हँसती सूरत
मन को ख़ुशी मिलती है
सुख-दुःख की हर घडी में
हमे साथ मिलकर रहना !
बहना -ओ – बहना, तेरे भाई का है कहना !
गुस्सा हमसे होना नहीं, खुश सदा ही रहना !!
रक्षा बंधन का त्यौहार
बड़ा मतवाला है
ये भाई बहन का प्यार
सारे जग से निराला है
आये कभी जो कोई विपदा
मुझे भूल न जाना बहना !!
बहना -ओ – बहना, तेरे भाई का है कहना !
गुस्सा हमसे होना नहीं, खुश सदा ही रहना !!
रेशम की ये डोर नहीं
धागा प्रेम कहलायें
हर बहना अपने भाई की
कलाई इसे पहनायें
जल्दी से अब तुम भी पहना दो
मुझको पड़े न फिर से कहना !!
बहना -ओ – बहना, तेरे भाई का है कहना !
गुस्सा हमसे होना नहीं, खुश सदा ही रहना !!
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डी के निवातिया
लाजबाब…..
तहदिल शुक्रिया आपका ………….MANURAJ
आप तो शब्दों के जादूगर हैं…..लाजवाब……प्रेम से ओतप्रोत…..
तहदिल शुक्रिया आपका ………….BABBU JI.
Rakshabandhan par bhai bahen ke pyar ko aapne bahut hi khubsirti ke sath pesh kiya hai Nivitiya Sahab, Lajawab Rachna
तहदिल शुक्रिया आपका ………….RAJEEV JI.
बहुत ही सुन्दर रचना सर रक्षाबंधन पर ।भगवान आपको और आपकी बहन को सदा खुश रखें ।आप भाई-बहन का साथ हमेशा बना रहे ।
तहदिल शुक्रिया आपका ………….BHAWANA JI.