कान्हा कान्हा पुकारे ये दिल रे,
अपने भक्तो से आकर मिल ले।
रात दिन लगी तेरी ही धुन रे,
भक्तो की पुकार अब सुन ले,
तुम दर्श आकर दिखा जाओ,
सभी के गम को मिटा जाओ।
कान्हा कान्हा पुकारे ये दिल रे,
अपने भक्तो से आकर मिल ले।
गर भरोसा तुमसे उठ जायेगा,
मुश्किल से फिर बन पायेगा,
कैसे तुझे बात यह समझाए,
बता दे कैसे तुझे हम रिझाए।
कान्हा कान्हा पुकारे ये दिल रे,
अपने भक्तो से आकर मिल ले।
नैना ये तेरे दर्शन की प्यासी,
व्याकुल हुए दर्शनाभिलाषी,
बिन देर किये अब तो आजा,
आकर निराशा को मिटा जा।
कान्हा कान्हा पुकारे ये दिल रे,
अपने भक्तो से आकर मिल ले।
अनु महेश्वरी
KHBUSURAT GEET
Thank you, Nivatiya ji…
bahut khoobsoorat…..anuji…..
Thank you, Sharma ji…
sunder Bhakti rachnaa Anu. Naina ke sthan par aankhen kar lo kyonki naina purling hai.
Thank you, Shishir ji…