प्यार है इकरार है पर हम मिल नहीं सकते
गुल महकते बिन तुम्हारे खिल नहीं सकते
मेरे जख्मी दिल से खूं जो बह रहा है आज
तुम उसे क्या खुद के हाथों सिल नहीं सकते
प्रेम की ताकत को कोई हल्का नहीं समझे
ये वो पर्वत हैं जो जगह से हिल नहीं सकते
तुम साथ होते हो तो हिम्मत आ ही जाती है
जीवन के ग़म वरना अकेले झिल नहीं सकते
तुम पे यकीं मुझको है पूरा इस जहाँ में आज
तुम साथ हो तो पैर मधुकर छिल नहीं सकते
शिशिर मधुकर
BAHUT KHUBSURAT ……..IS PANKTI KO AISE LIKHE TO LAY ACHCI AATI HAI.
गुल महकते बिन तुम्हारे खिल नहीं सकते
को
महकते गुल तुम्हारे बिन खिल नहीं सकते
Sujhaav ke lie shukriya Nivatiya Ji …….
ati sundar…………………
Dhanyavaad Babbu Ji ……
Bhut sunder
Tahe dil se shukriya Anjali ………….