💐मित्र💐…मधु तिवारी
“कैसा हो मित्र” पर सवाल होना चाहिए
दोस्ती का भाव बेमिसाल होना चाहिए
निर्बल बली का साथ, होय तो क्या बात है
सुग्रीव-राम मित्र सा,मिसाल होना चाहिए
निर्धन-धनी का साथ, मिल जाय तो क्या बात है
सुदामा मित्र कृष्ण का,कमाल होना चाहिए
उग्र औऱ धीर भी मिले तो बड़ी बात है
लखन औऱ राम जस,धमाल होना चाहिए
वीर संग विवेकी हो,तो भी बड़ी बात है
पार्थ-कृष्ण मित्रता सा, हाल होना चाहिए
लोकहित कष्ट सहे, तो भी बड़ी बात है
राम -सिया सुलह की, ताल होना चाहिए
मित्र की रखे जो लाज,तो भी बड़ी बात है
कृष्ण हस्त द्रोपदी का, भाल होना चाहिए
✍🏻मधु तिवारी, दुर्ग,छत्तीसगढ़
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Wah ! Madhu ji, bahut hi behtrin Rechna . ek hi shabad me kahunga “Lajawab”
thanks gupta ji………………
Very nice, Madhu ji…
thanks anu ji…………………
वाह्ह…..बेहतरीन….लाजवाब…….आनंद से सराबोर कर दिया…..
बहुत बहुत धन्यवाद सर…………….
बेहद खूबसूरत मधु जी ………..कर्ण की मित्रता भी ऐसा ही एक उदहारण थी …………..अति सुंदर !
बहुत बहुत धन्यवाद सर……………
Behad sundar rachnaa Madhu ji…….
bhut bhut aabhar apka sir………….
यकीनन अच्छे भाव बुने हैं आपने।
बधाई
dhnyawad apka arun ji………..
सुन्दर मधु जी |
bhut bhut aabhar apka sukla ji……..
क्या खूब कही आपने… कमाल कर दिया आपने… बहुत बढ़िया ।
bhut bhut dhnyawad, aabhar sharma ji……….
बहुत ही खूबसूरत….. मित्रता का अच्छा उदाहरण पेश किया आपने….. बहुत खूब…. मधु जी…
hardik aabhar apka kajal ji…………..