खुबसूरत सा चाँद भी शर्माता है ,
जब आँचल तुम लहराती हो ।
घटा भी जोर से बरस पड़ती है,
जब काजल तुम लगाती हो ।
तेरे माथे की बिंदीया के आगे
जैसे चाँदनी भी छुप जाती हो ।
तुम अपनी जुल्फे बिखरा कर ,
क्यूँ पागल मुझे बनाती हो ।
कोयल सी बोली है तुम्हारी ,
जैसे सबका दिल धड़काती हो।
हया तेरी जान ले जायें ,
होश सबके उड़ा जाती हो ।
लगती हो कुछ ऐसे प्यारी ,
बस पल पल दिल में समा जाती हो ।।
” काजल सोनी ”
वाह बहुत खूबसूरत …………!!
वाह बहुत खूब काजल……
nari ki Sunderta ka bahut hi khubsurat Varnan Kiya hai aapne Kajal ji
क्या बात है काजल जी। बहुत खुबसूरत।
ati sundar……………
बहुत खूबसूरत काजल जी।
wah kajal ji…..wah……. khoobsurat bhav khoobsurat sabdo me rahti hai apki rachnaye..
meri rachnao pe bhi najar kijiye.