सांस जब तक है,
तभी तक जिंदगी है |
डोर टूट जाये ,
तो फिर ना कोई बंदगी है |
चमन में बहारे ,
रंगीन नजारें,दरिया के किनारे ,
अपनों के सहारे |
ये सब होते साँसों से प्यारे |
रिश्तों के भंवर में खोये हैं सभी ,
ख्वाबों के शहर में रोये हैं कभी |
ये हर किसी की है असली निशानी ,
बिना दर्द के नही कटती जिंदगानी |
मेरे शब्द भी एक हक़ीक़त जुबानी,
सांस ही है हमारी असली निशानी |
सांस जब तक है,
तभी तक जिंदगी है |
डोर टूट जाये,
तो फिर ना कोई बंदगी है ||
अति सुंदर सकारात्मक भाव ……………..!!
बहुत ही खूबसूरत………
sundar……………..