ढूंढे से गर मुहब्बत जो हर इंसान को मिल जाए
जीवन की सूनी बगिया खुद ब खुद खिल जाए
मुहब्बत की इस दवा का असर ही कुछ ऐसा है
गहरे से गहरा घाव भी आसानी से सिल जाए
मुहब्बत की ताकत में एक ऐसा भी करिश्मा है
दिल की सदाओं से तो पर्वत यहाँ हिल जाए
आँखों के रास्ते जो भी जन दिल में समाता है
ऐसा तो नहीं होता वो बस भीड़ में रिल जाए
उल्फ़त की राहों में सदा मधुकर चलो सम्भल के
चोट कोई सूखी यहाँ फिर से ना छिल जाए
शिशिर मधुकर
bhut badiya …….shishir ji ……………….khoobsurat rachana.
Haardik aabhaar aadarneey Madhu ji ……..
Bahut Sundar, Shishir ji…
Haardik aabhaar Anu ………..
बहुत सुन्दर लाजवाब… मधुकर जी ।
Tahe dil se shukriya Bindu ji ……..
ati sundar…………….
हार्दिक आभार बब्बू जी…….
बहुत सुन्दर मधुकर जी ..बधाई |
तहे दिल से शुक्रिया अरुण जी…….
Ati sundar ,,,,,,,,,,Shishir JI
हार्दिक आभार किरण जी….
अति सुंदर ………………..सत्य वचन !!
Haardik aabhaar Nivatiya Ji ………………….
बेहतरीन शब्दों और भावों में पिरोयी एक खूबसूरत सी गज़ल .
Tahe dil se shukriya aadarneey Meena ji ………