ये है जाहिर कि तुम चाँद हो चाँदनी
रूप ऐसे कि जैसे तुम मंदाकिनी।
तुमसे खुशबू चमन के महक जायेंगे
नादां दिल से ये दुनिया बहक जायेंगे।
चाल नागन की जैसी नसीली भी है
रंग गोरी गुलाबी रसीली भी है।
आंखे हिरनी के जैसे कजरारी है
होठ मखमल सी कैसे बलहारी है।
तेरी पतली कमर तेरी तिरछी नजर
बाल रेशम घटा सी ये बाली उमर।
जहां जाओ बिजली ये चमक जाएगी
बरसात होगी जहां भी झमक जाएगी।
तेरी चुनरी यौवन को ललचाती है
तेरी मुस्कान चेहरे को भरमाती है।
तेरे पायल के घुँघरू झनकते भी है
तेरी चूडी बाहों मे खनकते भी है।
होठ लाली बिंदिया कानबाली भी है
गोल चेहरे पर तिल एक कली भी है।
सब कुछ तेरी है दुनिया कुछ भी नहीं
जो भी ले लो अफसोस कुछ भी नहीं।
कायल बिन्दु है तेरा उम्र भर के लिये
नाम होता है रहमों करम के लिये।
ati sundar……………
Chaandni ke roop or aapki aaskti kaa sundar varnan Bindu Ji ………
Bahut hi sunder……………………..
बहुत खूबसूरत ………………..!
Nice….
नख शिख वर्णन….. सजीव हो उठी है……….बहुत खूब…………