जय श्री कृष्ण
kiran kapur gulati किरन कपूर गुलाटी 15/08/2017 No Comments
तुम कर लो चोरी माखन जितना
पर दिल को चुराना ठीक नहीं
आना तेरा बडा़ सोहे मुझको
पर छोड़ के जाना ठीक नहीं
दिल की बात कहती हूँ तुझसे
बहलाना मुझको ठीक नहीं
सुन लेते हो मन की बातें
कोई राज़ छुपाना ठीक नहीं
तन्हॉं कभी हो जाती हूँ
परेशानियों में घिर जाती हूँ
कभी कुछ समझ न पाती हूँ
चले आते हो बन लौ दिये की
और मन्द मन्द मुस्काते हो
जब क्यों कैसे में घिर जाती हूँ
मेरे कानों में कुछ कह जाते हो
अन्धकार कभी डराता है मुझको
बुझते दीप जलाते हो
अब कैसे रहूँ तुम बिन कान्हा
जब प्यार इतना बरसाते हो
न करना दूर चरणों से अपने
लगे न कभी तुम कतराते हो
सौंप दिया यह जीवन तुझको
तुम जान सब कुछ जाते हो
बनाया दीवाना दुनिया को
जब बन्सी मधुर बजाते हो
बसे रहना सदा मन में यूँही
लगे तुम प्यार सदा निभाते हो
करो स्वीकार वन्दन हमारा
जन्म दिवस है आज तुम्हारा
पात्र बधाई के हो तुम आज
है जग में सारे जिसका राज
बहुत बहुत सी तुम्हें बधाई
है शुभावसर जन्माष्टमी का
नाचें हम सब हो विभोर
जय हो तेरी श्री कृष्ण कन्हाई
हो जन्मदिवस की तुम्हें बधाई
बेहद खूबसूरत भक्तिमय रचना…..भावों को बहाव बहुत खूबसूरत….हाँ एक पंक्ति “पात्र बधाई के हो तुम आज” नहीं मुझे समझ आयी….कान्हा की जगह हम बधाई के पात्र है….ये सारा संसार बधाई का पात्र है….
धन्यावाद बब्बू जी ,जिसका जन्मदिन हो उसे हैपी बर्थडे कहना तो बनता ही है , और प्रभु धरती पर आए तो हम सब भी बधाई के पात्र हो गए , जन्माष्टमी की बहुत २ बधाई आपको भी , जय श्री कृष्णा
बहुत ही सुंदर…………. कृष्ण भक्ति से भरी रचना….
काजल जी बहुत २ धन्यावाद
Bahut sundar bhaktimay rachna ………..,
मीना जी धन्यावाद
Bhakti Bhaav se pripurn ..bahtu khubsurat Kirna jI.
निवातियॉ जी बहुत धन्यावाद
Bahut sunder…………………….
विजय जी धन्यावाद