हे माँ सरस्वती, मेरे जीवन से अन्धकार हटाकर , मुझे ज्ञान का भंडार दे । करती हूँ मैं तेरी पूजा अर्चना, मेरी लेखनी को और निखारा दे। लिख सँकू …
आज कोई शब्द नहीं,कोई भाव नहीं, ना चल रही क़लम मेरी आज, नि:शब्द हो मेरी कलम आज, बस इतना ही लिख रही हर बार लेखनी आज, ना भूल पाऐगे …
नमन है उन वीर जवानों को, जो निकले थे घर से कभी, देश की रक्षा के खातिर, लौट कर घर ना आने को । क्यों चुप बैठी है अब …
तुम आगोश में आ जाओ तुम्हें दिल में बसा लूँगा नैनों के रास्ते से तुम्हें झील में उतार लूँगा झूमेंगे हम दोनों पानी तुम्पे उछालूँगा मोहब्बत की डोरी …
छोटी – छोटी बात पर झगड़ा होता जिनमें सही मायेने में अक्सर प्यार होता उनमें गैरों से हमें क्या मतलब वो तो दूर ही रहते हैं दिल के …
चमन महके तो कैसे दोस्त कम मग़र दुश्मन ये बहुत हैं, बस्तियां जलाने वालों के दिल और चेहरे काले बहुत हैं। अनपढ़ रहना ही अच्छा है समझदार सी दुनिया …
दिलों को हमारे हिला दिया पुलवामा में हमला किया जवान हमारे शहीद हुए कैसा ये अनर्थ किया नरसंहार का नमूना दिखा ऐसा आतंकी हमला हुआ जो खड़े थे …
शहीदों की चिताओं पर उठी पीड़ा के लहरें हैं मगर सोचो ज़रा हम ही तो असली अंधे बहरे है सोचते रहते हैं एक दिन शेर भी घास खाएगा जेहादी …
“जागो भाग्य विधाताओं” देखा अजब तमाशा, छायी दिल में निराशा, चार गीदड़ ले गये, मूँछ तेरी नोच के। सोये हुए शेर तुम, भूतकाल में हो गुम, पुरखों पे नाचते …
कब तक पठानकोट,कब तक उरी कब तक सहेंगे पुलवामा अब तो जागो हे पुरूषोत्तम करो आतंकरूपी रावण का खात्मा भाता नही अब छोटी सर्जरी न भाता अब कोई वार्ता …
यह बात तमाचे कि नहीं जो बापू सा अहिंसावाद रहें वो खून की होली खेल रहें और हम निराशावाद रहें उतर के देखो सियासत से कभी उस घर में …
नरसिंघ का रुप धरो ,वार करो तुम छाती पर , गद्दरौ कि चीख गुंजा दो घाटी के हर कानो में । विनय कि वीणा बन्द करो, युध्द का शंखनाद …
वैलेंटाइन-डे *** देशी चमड़ी को विदेशी पहरन से सजाते है, प्रेम नाम पर पार्को होटलो में रंग जमाते है, सरेआम अश्लील फूहड़ता का नंगा नाच कर, आ चल हम …
थोड़ा सा विचलित हूँ मैं, थोड़ा सा उदास हूँ। दूर भले मैं तुझसे रहूँ, लेकिन दिल के पास हूँ। याद तेरी जब जब आती है, दिल मेरा बस रोता …
🌹 *शत्रु या अरि* 🌹 …..मधु तिवारी अरिमर्दन की बड़ी कला है। नाम लेत ही टली बला है। वह जो मेरे रामलला है। वह जो मेरे राम लला है। …
ईश्वर सद्गुणों के संग्रह है ! संग्रह को अपनाया ही नही तो ईश्वर खुश नही होने वाले !! न घंटा बजाने से न कीर्तन करने से और न ही …
प्रेम में डूबा क्या करे, फंसा हुआ मंंझधार। नश्वर सा संसार है, औ महिमा अपरंपार ।।1 प्रीत ऐसी लगाई है, …
तुमसे चेहरे का आईना लिये उल्फत अपनी गुलजार करें इक दूजे से खुल जायें तो दिल बातों का बाजार करें जो दबी हुई दिल के भीतर होठों से अब …
पास हो तुम दिल के इतने कैसे मैं तुमको छोड़ दूँ जिसमें हैं बस छवियां तेरी वो आईना क्यों तोड़ दूँ अविरल धार स्नेह की जो बहती है जानिब …
साहित्य प्रेमियों के लिए ख़ुशी की बात है की साहित्य समूह के कुछ सदस्यों ने एक साथ मिलकर एक पुस्तक ” गुलिस्ताँ ” (साहित्य की फुलवारी ) का सफल …
एक नेता बड़े चाव से सब्जी – रोटी खा रहा था रहा नहीं गया मुझसे तो पूछ ही डाला आप पर तो चारा खोरी का इल्ज़ाम था नेता जी …
गीत बनाकर हर गम को मैं गा लूँगा तार-तार दिल में भी मैं स्वर सजा लूँगा। तू नफरत भी ना कर पावेगा मुझसे प्यार के हर बोल से तुझे …
कलियां चुन बंजारे, और जमुना के तीरे चल, दौड़ नहीं है जीवन, रुक रुक कर जीता चल। हर पल की अलग व्यथा है, कहता है लिखने वाला, सबकी सुन …